सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय बीते कई महीनों से अस्वस्थ थे। उनका 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। रविवार 12 नवंबर को उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
बिहार के अररिया जिले के निवासी सुब्रत रॉय ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कोलकाता और उच्च शिक्षा गोरखपुर से हासिल की, उसके बाद साल 1978 में माइक्रो फाइनेंस का कारोबार शुरू किया। देखते ही देखते सुब्रत रॉय ने अपनी कंपनी सहारा ग्रुप में छोटे-छोटे निवेशकों को अच्छे और लुभाने ब्याज पर रकम वापस करने वाला बड़ा समूह बना लिया ।
बाद में सहारा समूह ने रियल एस्टेट, राष्ट्रीय सहारा नाम का अखबार सहारा टीवी नाम से अपना चैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, इंश्योरेंस आदि सेक्टर में अच्छा कारोबार करने लगा । सहारा समूह के पास बेशकीमती संपत्तियां हैं, एंबी वैली को तो आप सब जानते ही होंगे ।
सुब्रत राय को जेल क्यों जाना पड़ा?
सहारा समूह के पतन की कहानी सेबी के साथ विवाद से शुरू हुआ । सहारा समूह, जो एक समय भारत का सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाला समूह था, रेलवे के बाद दूसरे स्थान पर था, एक विवाद में फंस गया। सेबी ने सहारा समूह की दो प्रमुख फर्मों में निवेशकों के धन को अवैध ट्रांसफर के खिलाफआपत्ती जताई इसके अलावा सेबी ने एक निर्देश जारी किया जिसमें लगभग 24 हजार करोड रुपए जमा करना अनिवार्य किया था
बाद में यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए, सुब्रत रॉय को कुछ समय के लिए कारावास की सजा सुनाई। सहारा समूह की सभी संपत्तियों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाया दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट ने सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in/ लॉन्च किया जिसकी मदद से सहारा निवेशकों को उनकी निवेश की गई राशि वापस दी जा जानी है। सेंट्रल गवर्नमेंट ने कुछ महीने पहले ही सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था। है जिन निवेशकों का पैसा सहारा समूह में लगा था वो लोग अपना निवेश किया हुआ पैसा इस पोर्टल पर अपनी डेटल लॉगिन कर ले सकते है।
सहारा समूह में जिन निवेशकों का पैसा फंसा है। वो निवेशक सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए आवेद कर अपना रिफंड वापस पा सकते हैं। रिफंड पाने के लिए निवेशकों को केवल ऑनलाइन ही अपना क्लेम करना होगा। जरूरी कागजात और रसीद ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। वैरिफिकेशन के बाद निवेशकों को उनका रिफंड मिल रहा है। गवर्नमेंट निवेशकों को किस्तों में पैसा वापस कर रही है। सहर समूह के निवेशकों के क्लेम की प्रक्रिया पूरी तरह से निशुल्क है। अगर फिर भी निवेशक को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी आती है तो वह गवर्नमेंट के टोल फ्री नंबरों ( 1800 103 6891 / 1800 103 6893 ) पर संपर्क कर सकते हैं।