इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए प्राकृतिक वियाग्रा कैसे बनाएं


आज कल के भाग दौड़ की समय में, हर आदमीं व्यस्त है और व्यस्तता इतनी बढ़ गयी की हर आदमी को कुछ न कुछ परेशानी ज़रूर है चाहे वो शारीरिक हो, दिमागी हो, या फिर घरेलु हो, इन सब परेशानियों की वजह से लोग बहुत सी बीमारियों का भी शिकार बन रहे हैं।  जैसे ब्लड प्रेसर, शुगर, थयरॉइड, और सेक्सुअल डिसऑर्डर, आदि।

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“सेक्सुअल डिसॉर्डर” जिसे लोग एक बीमारी समझते हैं वास्तव में ये बीमारी नहीं ही बल्कि एक समस्या है जिसे हम ही ने अपनी बॉडी में विकसित किया है।  सेक्सुअल डिसऑर्डर के अंदर एक सबसे कॉमन प्रॉब्लम जो लोगो को होती है वो है “इरेक्टाइल डिस्फंक्शन” का। ये कोई बीमारी नहीं है इसे हमने खुद, अपने स्ट्रेस और खान पान की वजह से पैदा किया है। 

एक आकड़े के मुताबिक, दुनिया में 40 परसेंट लोगों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन है और बहुत से लोग हैं जिन्हें अभी ये समस्या नहीं है, फ्यूचर में जल्द ही हो जायेगा। इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी चीज़ है जो बहुत परेशानी देती है।  जनरली इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक आगे के बाद होता है।  ये कॉमन है पर आज कल इरेक्टाइल डिस्फंक्शन काम आगे ले लोगो को भी हो रहा है। 

इरेक्टाइल डिसफंक्शन की प्रॉब्लम की वजह से आप डॉक्टर के पास जाते हैं। डॉक्टर आपको कोई दवा देते हैं?  दवा काम कर गई तो अच्छा है। आप सोचते हैं चलो एक दो साल काम चल जायेगा और अगर दवा काम नहीं की तो आप सोचते हैं क्यों न किसी और डॉक्टर को दिखाया जाय।

बस ये काम इतना था पर कभी आपने सोचा है या कभी समझा है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का असली कारण क्या होता है? और यह असली कारण जब आप समझेंगे तभी जाकर आपको यह समझ में आएगा कि इसकी जड़ का इलाज क्या है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की असली वजह क्या है?

इस आर्टिकल में आपको मैं पहले तो कारण बताऊंगा फिर मैं आपको बताऊंगा कि नैचुरली आप इसे कैसे और  क्या खा – पी कर ठीक कर सकते हैं प्राकृतिक वायग्रा या एक ऐसी चीज़ जो अगर आप रेगुलरली पीएंगे तो आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन या तो होगा नहीं और अगर है तो ठीक हो जायेगा।

जो नेचुरल ट्रीटमेंट्स हैं, उनके ऊपर अगर हम कॉन्सन्ट्रेट करें तो पाएंगे की इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को प्रिवेंशन से ठीक कर सकते हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन के आने की इंतजार करने की जरूरत ही नहीं।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता कैसे है और फंक्शन कैसे होता है।

पेनिस के अंदर दो लंबी रॉड होती हैं उनमें छोटा छोटा एक स्पंजी टाइप का ब्लड वेसल्स मतलब खून की धमनियों का एक नेटवर्क होता है। जब आप एक्साइट होते हों उस टाइम पर ब्लड धमनियों के अंदर तेजी से फ्लो करता है। तेजी से फ्लो करने के बाद में वह dilate हो जाती हैं।

उनके अंदर ब्लड भर जाता है और जब ब्लड दोनों ट्यूब भर जाती है तो फिर वापिस जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है इससे आप के पेनिस में इरेक्शन हो जाता है। यह उसका तरीका है। धमनियों के अंदर dilation इंडोथीलियम वेसल्स में होती है। इंडोथीलियम वेसल्स खून की जो वेन होती है उसके अंदर की लाइनिंग को कहते हैं। इस लाइनिंग के जो सेल होते हैं वह हर धमनी में होते हैं और पेनिस में भी होते हैं।

इन धमनियों को एकदम से डायल्यूट मतलब इनके अंदर खुलने का काम करता है, नाइट्रिक ऑक्साइड और नाइट्रिक ऑक्साइड एक ऐसी चीज है जो इन धमनियों को खोलने का काम करता है। इनफैक्ट जो वायग्रा गोली  होती है, यह भी नाइट्रिक ऑक्साइड को ही खेलती है, उसी के साथ काम करती है और पीजीडी इ 5 के डिग्रेडेशन को खत्म करती है। इसलिए हम अब क्या करेंगे? जाहिर सी बात है नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा को आप में बढ़ाएंगे और अगर आपमें नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ेगा तो उस कंडीशन के अंदर आपका इरेक्शन नैचुरली बेटर होगा।

तो अब मैं आपको एक फॉर्मूला दे रहा हूं। इस फॉर्मूले को ध्यान से पढ़िए और नोट कर लीजिये।

नाइट्रिक ऑक्साइड किन किन चीजों में बहुत फायदेमंद होता है?

अगर आप इन चीजों को लेंगे तो निश्चित ही आप के बॉडी में नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ेगा और इरेक्शन होगा,  और अगर नहीं हो रहा तो दवा के साथ में लेंगे तो और भी बेहतर होगा। और अगर आपको इरेक्शन हो रहा है, और आप लॉन्ग टर्म के लिए चाहते हैं तो यह लेना शुरू करिए।

1.  बीटरूट:  बीटरूट मतलब चुकंदर तो एक स्टडी हुई जिसके अंदर 38 लोगों को यह बीटरूट का जूस दिया गया और देखा गया कि नाइट्रिक ऑक्साइड का लेवल 45 मिनिट के अंदर 21 पर्सेंट बढ़ गया। स्टडी में ये देखा गया की करीब करीब 100 एमएल बीटरूट का जूस लेने से, नाइट्रिक ऑक्साइड का लेवल बेहतरीन बढ़ता है, आदमियों में भी और औरतों में भी। बीटरूट बहुत बढ़िया चीज़ है अगर आप चुकंदर के जूस को सवेरे ले लेते हैं तो यह बहुत बढ़िया काम करता है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन

2. तरबूज:  कोई भी फल जिसमें पानी ज्यादा हो, वह पानी आपके लिए बहुत फायदेमंद है और वॉटरमेलन एक बहुत कमाल की चीज़ है। यह देखा गया है कि इसके अंदर सिट्रस लीन होता है। सिटू एक ऐसी चीज़ होती है जो नाइट्रिक ऑक्साइड बनाती है। तो अगर आप इसको जूस में डालेंगे और जूस में डालकर इसको लेंगे तो बढ़िया होगा। एक स्टडी देखी गई जिसमें 300 एमएल वॉटरमेलन का जूस दिया गया और यह देखा गया कि दो हफ्ते के अंदर नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ा हुआ मिला।ये सारी रिसर्च इसमें हुई हैं।

3. हरी सब्जियां : हरी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट आपकी जो नसें बंद हो रही होती हैं, उन्हें खोलती हैं और यह नाइट्रिक ऑक्साइड भी बनती है क्योंकि जो कैबेज होती है, स्पिन होती है, ग्रीन लीफ वेजिटेबल्स होती हैं। इनमें नाइट्रेट्स ज्यादा पाए जातें हैं और नाइट्रेट्स में कन्वर्ट होते हैं नाइट्रिक ऑक्साइड में। क्योंकि आपकी वेसल डिलीट हो जाती है।

4.  नट्स: नट्स बहुत बढ़िया और मुफीद चीज है जैसे कि बदाम, अखरोट, सीड्स। इनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और एंटीऑक्सिडेंट के साथ में ओमेगा थ्री फैटी एसिड होते हैं।

5. अनार:  अनार में भी एंटी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो ऑक्सीडेटिव डैमेज कम करती है। अनार स्टैमिना को भी बढ़ता है। इसको भी आप अपने जूस में शामिल कर सकते हैं। 

इसलिए एक तो आपने चुकंदर डाला, दूसरा आपने इसमें वाटरमेलन डाला, तीसरा इसके अंदर डालनी है। हर तरह की हरी वेजिटेबल्स या लेट्यूस या स्पेनिश कोई भी ऐसी चीज़ जो बिल्कुल हरी हो ये सारी चीजें इसमें डालनी हैं। तो ये तीन चीजें जब आप डालकर सुबह मिक्सी में चलाएंगे तो इसमें बहुत फायदा हुआ। इसमें कई सारी स्टडीज आई हैं और एक स्टडी के अंदर यह भी आया है कि अगर आप यह लेते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर भी बेहतर होता है।

तो आप तीन चीजें अपने जूस में अवश्य डालेंगे जिसे कहते हैं चुकंदर, तरबूज और  तीसरा इसके अंदर हरी सब्जियां और साथ में अगर आप डाल सकें तो दो चीजें और डालेंगे नट्स। मतलब जितनी भी मेवा होती है और साथ में डालेंगे अनार।  मिला कर जो जूस तैयार होगा उसे हम का सकते हैं नेचुरल वियाग्रा। जी हाँ बिलकुल सही पढ़ा आपने नेचुरल वियाग्रा। 

अगर आप ये एक ग्लास जूस रोज़ लेते हैं तो, या तो आपको फ्यूचर में कभी भी वायग्रा की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अगर आपको इरेक्टाइल डिसफंक्शन है तो नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ने की वजह से हो सकता है दवा लेने की जरूरत ही न पड़े और अगर आप दवा ले रहे हैं तो ये और बेहतर काम करेगी।

सावधान रहें। एनीमिया के अलावा,आयरन(IRON) की कमी “हृदय” को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

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