Bhu Aadhaar Card: अब ज़मीन का भी बनेगा आधार कार्ड!

Bhu Aadhaar Card: केंद्र सरकार ने भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और सरलीकरण के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) की शुरुआत की है, जिसके तहत हर कृषि भूमि के लिए एक Bhu Aadhaar Card जारी किया जा रहा है। यह कार्ड सरकार और किसानों दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करता है। इस लेख में हम भू आधार कार्ड (Bhu Aadhaar Card) के बारे में विशेष जानकारी प्रदान करेंगे।

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भू आधार कार्ड (Bhu Aadhaar Card) क्या है?

भू आधार कार्ड(Bhu Aadhaar Card) कृषि भूमि के लिए सरकार द्वारा जारी किया गया एक विशेष पहचान पत्र है। इस कार्ड में 14 अंकों की अल्फान्यूमेरिक विशिष्ट पहचान संख्या (UID) दी जाती है, जो हमारे भूमि को एक विशिष्ट पहचान देता है। इस पहचान संख्या के साथ भूमि के मालिक का आधार कार्ड भी जोड़ा जाता है, जिससे किसी भी प्रकार की सरकारी योजनाओं और आधिकारिक कार्यों में सरलता होती है।

BHU adhaar Card Portal
Source: Department of Land Resource

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भू आधार कार्ड (Bhu Aadhaar Card) से प्राप्त जानकारी

भू आधार कार्ड के माध्यम से निम्नलिखित जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं:

  • भूमि की भौगोलिक स्थिति और सटीक नक्शे पर लोकेशन
  • भूमि मालिक की जानकारी
  • प्राकृतिक संसाधन, खनिज, और जल स्तर की जानकारी
  • भूमि की रासायनिक जानकारी, जिससे फसल चयन में सहायता मिलती है
  • भूमि का प्रकार
  • भूमि पर चल रहे ऋण की स्थिति
  • सरकारी योजनाओं की जानकारी, जिनका लाभ भूमि पर लिया जा चुका है या लिया जा रहा है

भू आधार कार्ड योजना

2008 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (NLRMP) की शुरुआत की थी, जिसके तहत भूमि के अभिलेखों को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक भूमि को एक विशिष्ट संख्या प्रदान की जाती थी।

2016 में इस योजना का आरंभ किया गया था। और इसे डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) नाम रखा गया। इस योजना के तहत भूमि का रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जाता है और हर भूमि के लिए एक भू आधार कार्ड जारी किया जाता है।

डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख के लाभ

भूमि की पहचान:

भू आधार कार्ड के माध्यम से अब ग्राम पंचायत और पंचायत समिति को भूमि के रिकॉर्ड देखने की आवश्यकता नहीं होगी। क्यूंकि 14 अंकों के भू आधार कार्ड से भूमि की सभी तरह की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

कृषि क्षेत्र में लाभ:

भूमि की सही रासायनिक और जैविक जानकारी के साथ कृषि कार्य हेतु सही फसल का चयन किया जा सकता है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी।

कानूनी मामलों का निपटारा:

भूमि से संबंधित कानूनी मामलों का निपटारा तेजी से और आसानी से हो सकेगा।

दस्तावेजों की सुरक्षा:

सभी भूमि दस्तावेज डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे, जिससे नकली दस्तावेज बनाने की संभावना कम होगी।

सरकारी योजनाओं का लाभ:

सटीक जानकारी के साथ सरकार को कृषि और भूमि से संबंधित योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी।

भू आधार कार्ड कैसे बनवाएं

भू आधार कार्ड बनवाने के लिए अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायत या पंचायत समिति से संपर्क करें। आवेदन करने के लिए भूमि से संबंधित संपूर्ण दस्तावेज और भूमि मालिक के व्यक्तिगत दस्तावेज जमा करने होंगे। पंचायत द्वारा भूमि की भौतिक जांच के बाद, आपको भू आधार कार्ड जारी कर दिया जाएगा।

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