ये बड़ी खबर है रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में हाँ कह दी है – HDFC bank को इंडसइंड बैंक में हिस्सा खरीदने की मंजूरी दी गई है। इसका मतलब क्या है? आइए समझते हैं!
जब हमने HDFC bank से पूछा, तो उन्होंने बताया कि इस हिस्से को खरीदने का इरादा खुद बैंक का नहीं, बल्कि HDFC bank ग्रुप का है। वे साफ बता रहे हैं कि यह हिस्सा HDFC bank के प्रमोटर के रूप में खरीदा जा रहा है और इसके लिए RBI की मंजूरी की आवश्यकता थी। इसमें उनके AMC और इंश्योरेंस आर्म्स के निवेशों के लिए मंजूरी है। इसे भी पढ़ें: Bharat Rang Mahotsav 2024:पूरे भारत में कला का उत्सव
HDFC bank की हिस्सेदारी:
इस मंजूरी के साथ आई कुछ शर्तें भी हैं। रिज़र्व बैंक ने कहा है कि अगर एक साल के भीतर HDFC bank ने इंडसइंड बैंक में बड़ी हिस्सेदारी नहीं हासिल की, तो मंजूरी रद्द हो सकती है। और यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इंडसइंड बैंक में हिस्सा कभी भी 9.50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
इंडसइंड बैंक ने भी हाल ही में अपने तिमाही परिणाम जारी किए हैं, जिसमें उन्होंने अच्छी आर्थिक प्रदर्शन की खबर दी है। बैंक ने मजबूत ऋण वृद्धि और स्थिर संपत्ति गुणवत्ता के कारण दिसंबर तिमाही में अच्छी कमाई दर्ज की है।
इससे बैंक का नेट लाभ 17.3 प्रतिशत बढ़ा है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले बड़ी बात है। इसके अलावा, बैंक ने दिसंबर तिमाही में 20 प्रतिशत की वार्षिक ऋण वृद्धि और 13 प्रतिशत की वार्षिक जमा वृद्धि दर्ज की है। इसे भी पढ़ें: Paytm के शेयर को मॉर्गन स्टैनलीने कौड़ियों में ख़रीदा,बाजार में हलचल
इसी के साथ, इंडसइंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, सुमंत कथपालिया ने बताया कि बैंक भी भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बैंक की रणनीति का उत्कृष्टता से ग्रोथ, ग्रैनुलैरिटी और गवर्नन्स की दिशा में कदम से कदम मिलाने का भी जिक्र किया।
इसी तरह से, यह खबर दिखाती है कि बैंक से लेकर अर्थव्यवस्था के मुद्दे हमें बहुत ही रोचक और जरूरी तथ्य दे रहे हैं। आगे देखते हैं कि इसमें और क्या नए बदलाव हो सकते हैं!